मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कई योजनाएं चला रही है। ये योजनाएं पात्र महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा देना है। आइए जानते हैं ऐसी कुछ योजनाओं के बारे में।
1. मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की कन्याओं की शादी में मदद करना है।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
- विवाह के लिए 55,000 रुपए की वित्तीय सहायता।
- 49,000 रुपए सीधे कन्या के बैंक खाते में जमा होते हैं।
- शेष राशि विवाह आयोजन और सामग्री के लिए प्रदान की जाती है।
- पात्रता: परिवार की वार्षिक आय 6 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।
2. प्रसूति सहायता योजना (Naya Savera)
यह योजना पंजीकृत महिला मजदूर या पुरुष मजदूर की पत्नी के लिए है। इसका उद्देश्य श्रमिक परिवारों की महिलाओं को गर्भावस्था और डिलीवरी के दौरान सहायता प्रदान करना है।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
- गर्भावस्था के अंतिम तिमाही में डॉक्टर या एएनएम की जांच के बाद 4,000 रुपए।
- बच्चे के जन्म के बाद 12,000 रुपए।
- सहायता केवल दो डिलीवरी तक सीमित है।
- महिला की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
3. मुख्यमंत्री अविवाहित पेंशन योजना
यह योजना उन महिलाओं के लिए है, जिन्होंने किसी कारणवश 50 वर्ष की आयु तक विवाह नहीं किया है।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
- प्रतिमाह 600 रुपए की सहायता राशि।
- पात्रता:
- महिला की आयु 50 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- महिला इनकम टैक्स भरने वाली नहीं होनी चाहिए।
4. विधवा पेंशन योजना
यह योजना गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाली विधवा महिलाओं के लिए है, जिसे भारत सरकार के राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के तहत संचालित किया जाता है।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
- पात्रता: विधवा महिला की आयु 40 से 79 वर्ष और गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवार से हो।
- लाभ: प्रतिमाह ₹ 600 पेंशन (₹ 300 केंद्र और ₹ 300 राज्य का अंश)।
मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चला रही है। ये योजनाएं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। पात्र महिलाओं को इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए और अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहिए।